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पेंशन निर्धारण

पेंशन निर्धारण हेतु अर्हकारी सेवा की गणना के सम्बन्ध में

 
 

दिनांक : 17 मई, 2001

पत्रांक : 1346-पे एवं आर-28/पाकालि/2001-49पी/89 
समस्त महाप्रबन्धक/मुख्य महाप्रबन्धक
मुख्य अभियन्ता (जल विद्युत)
उ० प्र० पावर कारपोरेशन लि०  
   
महोदय,  
 

उत्तर प्रदेश सिविल सर्विस रेगुलेशन के अनुच्छेद 35 के प्राविधानों के अधीन तात्कालिक उ० प्र० राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर कारपोरेशन के समस्त अधिष्ठान चाहे अस्थाई हो या स्थाई हो, पेंशन योग अधिष्ठान है। पेंशन योग अधिष्ठान में की गई अर्हकारी सेवा की गणना हेतु उ० प्र० रिटायरमेन्ट बेनीफिट नियमावली 1961 के नियम-3 (8) के साथ पठित उ० प्र० सिविल सर्विस रेगुलेशन के अनुच्छेद 370 के प्राविधानों/उपबन्धों में दी गयी व्यवस्था के अधीन बिना किसी व्यवधान के उसी या किसी अन्य पद पर स्थायीकरण के पश्चात तात्कालिक उ० प्र० राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर कारपोरेशन के अधीन की गई लगातार अस्थाई या स्थानापन्न सेवा निम्नलिखित दशाओं को छोडकर अर्हकारी होगी।

   
1. गैर पेंशन योग्य अधिष्ठान में की गई स्थायी या स्थानापन्न सेवा की अवधि
2. कार्यप्रभारित अधिष्ठान में की गई सेवा की अवधि
3. आकस्मिक व्यय से संदत किसी पद पर की गयी सेवा की अवधि।
   
 

प्रतिबन्ध यह है कि यदि पेंशन योग्य अधिष्ठान की अस्थायी सेवाओं की दो अवधियों की बीच में या पेंशन योग्य अधिष्ठान की अस्थायी और स्थायी सेवाओं की बीच में गैर पेंशन योग्य अधिष्ठान या कार्य प्रभारित अधिष्ठान या आकस्मिक व्यय से संदत्त किसी पद पर सेवा की गयी हो तो इस कारण तात्कलिक उ० प्र० राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर कारपोरेशन के सम्बन्घित कर्मचारियों की सेवाओं में व्यवधान कायम नहीं होगा और इस कारण गैर पेंशन योग्य अधिष्ठान/ कार्य प्रभारित अधिष्ठान/ आकस्मिक व्यय से संदत किसी पद पर की गयी सेवा को छोडकर उससे पहले पेंशन योग्य अर्हकारी सेवा अवधि में सम्मिलित कर ली जायेगी।

   
 

विद्युत पेंशनर्स परिषद की ओर से कारपोरेशन के संज्ञान में यह एक बात लायी गयी है कि तात्कालिक उ० प्र० राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर कारपोरेशन में सेवारत रहे कई एक ऐसे कर्मचारी थे जिन्होंने पेंशन योग्य अधिष्ठान की अस्थायी सेवाओं की दो अवधियों की बीच में और अन्यथा पेंशन योग्य अधिष्ठान की अस्थायी और स्थायी सेवाओं की बीच में कार्य प्रभारित अधिष्ठान में बिना किसी व्यवधान के सेवा की है किन्तु उनके द्वारा कार्यप्रभारित अधिष्ठान में की गयी सेवा के पूर्व पेंशन योग्य अधिष्ठान में की गयी उनकी सेवा की अवधि को पेंशन योग्य अर्हकारी सेवा की अवधि सम्मिलित नहीं किया जा रहा है जो कि उचित नहीं है।

   
 

अत: मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि तात्कालिक उ० प्र० राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर, कारपोरेशन में बिना किसी सेवा व्यवधान के जिन कर्मचारियों ने पेंशन योग्य अधिष्ठान की अस्थायी सेवाओं की दो अवधियों के बीच और अन्यथा पेंशन योग्य अधिष्ठान के अस्थायी और स्थायी सेवाओं के बीच में गैर पेंशन योग्य अधिष्ठान या कार्यभारित अधिष्ठान या आकस्मिक व्यय से संदत किसी पद पर सेवा की हो तो इस तरह के मामलों में उनकी गैर पेंशन योग्य अधिष्ठान/कार्यप्रभारित अधिष्ठान/आकस्मिक व्यय से संदत पद पर की गयी सेवा को छोडकर उससे पहले पेंशन योग्य अधिष्ठान में की गयी अस्थायी का स्थानापत्र सेवा की अवधि को उनकी पेंशन और अन्य नैवृत्तिक लाभों की गणना हेतु पेंशन योग्य अर्हकारी सेवा की अवधि में स‍म्मिलित कर ली जाये।

 
 

 

भवदीय

आर.सी.गुप्ता
महाप्रबन्धक