महोदय, |
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तात्कालिक उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद और वर्तमान पावर कारपोरेशन की सेवाओं से सेवानिवृत्त उपरान्त पेंशन भोगी की मृत्यु हो जाने पर उसके जीवनकालीन बकाया देयों के भुगतान को प्राप्त करने एवं उसकी अदायगी में उसके परिवार को होने वाली दिक्कतों, अडचनों और विलम्ब को दूर करने हेतु परिषदाज्ञा संख्या 893-पेंशन-31/राविप/89-46पी/89, दिनांक 21 जून, 1991 के द्वारा अंगीकृत शासनादेश संख्या सा-3-1713/दस-89-933-89, दिनांक 28 जुलाई, 1989 के साथ संलग्न संशोधित पेंशन प्रपत्र के भाग-1 में पेंशन, सेवानिवृत्त ग्रेच्युटी और राशिकरण प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र देते समय पेंशनभोगी कर्मचारी/अधिकारों को उसके कालम/क्रमांक-8 में अपना वैध नामिनी घोषित करने की व्यवस्थ उपलब्ध है, जिसके अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी/कर्मचारी संशोधित पेंशन प्रपत्र में अपना प्रार्थना पत्र भरते समय प्रार्थना-पत्र (पेंशन प्रपत्र के भाग-1) में कालम/क्रमांक-8 में अपने वैध नामिनी का नामांकन और उसका पता घोषित कर देता है, जो उसकी (पेंशनभोगी की) मृत्यु होने पर उसके जीवनकालीन देय बकाया अवशेषों के भुगतान को प्राप्त करने का वैध रूप से अधिकृत हो जाता है। इस तरह के मामलों में दिवंगत पेंशनभोगी के जीवनकालीन देय बकाया अवशेषों के भुगतान प्राप्त करने को नामिनी से उसके (दिवंगत पेंशनभोगी के) बच्चों के बारे में उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र और संरक्षण प्रमाण-पत्र मांगने को पेंशन सम्बन्धी आदेशों में आदेशों में और नियमों कोई भी प्रतिबन्धित प्राविधान नहीं है। पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाने पर उसके जीवनकालीन सभी देय बकाया अवशेषों को भुगतान सम्बन्धित नामिनी को हो जाना चाहिए।
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इस सम्बन्ध में मुझें यह कहने का निर्देश हुआ है कि विद्युत पेंशनर्स परिषद की ओर से कारपोरेशन के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर उसके जीवनकालीन देय बकाया अवशेषों को पेंशनभोगी की ओर से नामांकित नामिनी को भुगतान करने की उपर्युक्त व्यवस्था के विपरीत क्षेत्र स्तर पर पेंशन भुगतान आदेश निर्गत करने वाले प्राधिकारी की ओर से जीवनकालीन देय बकाया अवशेषों को भुगतान प्राप्त करनें को नामिनी (जो वैध नामिनी होने के साथ-साथ उसकी वैध पत्नी और पारिवारिक पेंशनभोगी भी है) से उसके (दिवंगत पेंशनभोगी के) के बच्चों के बारे में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और संरक्षण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को विवश किया जा रहा है और दिवंगत पेंशनभोगी के जीवनकालीन देय बकाया अवशेषों को रोक कर नामिनी (दिवंगत पेंशनभोगी की पत्नी/पारिवारिक पेंशनभोगी) का उत्पीडन किया जा रहा है। कारपोरेशन ने इसको गम्भीरता से लिया है और मुझे यह स्पष्ट करने का निर्देश हुआ है कि "पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर उसकी जीवनकालीन देय सभी बकाया अवशेषों की पेंशनभोगी की ओर से नामांकित नामिनी को भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये और इस तरह के मामलों में नामिनी से इसके लिए उसके बच्चों के बारे में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और संरक्षण प्रमाण पत्र न मांगा जाये।"
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मुझे यह भी कहने का निर्देश हुआ है कि पेंशन भुगतान आदेश निर्गत करने वाले प्राधिकारियों सहित सभी क्षेत्रीय अधिकारी कारपोरेशन के उपर्युक्त निर्देशों का दृढ़ता के साथ अनुपालन सुनिश्चत करें।
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भवदीय आर.सी.गुप्ता महाप्रबन्धक
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उ० प्र० कारपोरेशन लि. पेंशन के मामलों का प्रस्तुतीकरण, निस्तारण और विलम्ब का परिवर्जन |
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विनियमावली - 2001
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संख्या : 135 विनियम-23/पाकालि-2005-5 विनियम/9
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दिनाँक : 20 जुलाई, 2001
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विज्ञप्ति
विविध
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उ० प्र० विद्युत सुधार अधिनियम, 1999 सपठित उ० प्र० विद्युत सुधार अंतरण स्कीम 2000 की धारा 6 की उपधारा 10 में निहित शक्तियों का प्रयोग करके, शासन की "उ० प्र० पेंशन के मामलों का ( प्रस्तुतीकरण, निस्तारण और विलम्ब का परिवर्जन) नियमावली-1995 में निहित प्राविधानों को यथावश्यक परिवर्तनों सहित लागू किए जाने हेतु उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड निम्नलिखित विनियमावली बनाते हैं :-
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1.
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संक्षिप्त नाम एवं प्रारम्भ |
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यह विनियमावली उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड पेंशन के मामलों का प्रस्तुतीकरण, निस्तारण और विलम्ब का परिवर्जन विनियमावली- 2001 कहलायेगी। |
2.
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यह तुरन्त प्रवृत्त होगी। |
3.
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परिभाषायें :- जब तक कि विषय या सन्दर्भ के कोई प्रतिकूल न हो इस विनियमावली में :- |
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(क)
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"मुख्य नोडल अधिकारी" का तात्पर्य कारपोरेशन मुख्यालय पर महाप्रबन्धक तृतीय से है।
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(ख) |
"विलम्ब का तात्पर्य समय अनुसूची से अधिक अवधि से हैं।" |
(ग) |
"अग्रसारण अधिकारी" का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है। जो समय समय पर उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा इस रूप में कार्य करने के लिए सशक्त हो।
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(घ) |
"पावर कारपोरेशन" का तात्पर्य उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड से है। |
(ड०) |
"अध्यक्ष" का तात्पर्य समय-समय पर उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक निदेशक से है।
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(च) |
"विभागाध्यक्ष" का तात्पर्य समय-समय पर उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा इस रूप में विनिर्दिष्ट व्यक्ति से है।
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(छ) |
"कार्यालयाध्यक्ष" का तात्पर्य समय -समय पर उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा इस रूप में विनिर्दिष्ट व्यक्ति है/
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(ज) |
"नोडल अधिकारी" का तात्पर्य कारपोरेशन मुख्यालय पर उपमुख्य लेखाधिकारी पेंशन मुख्य अभियन्ता (ज.वि.) से सम्बद्ध उप महा प्रबन्धक (सम्बद्ध) और वितरण, वाणिज्य, पारेषण जनपद क्षेत्रीय यूनिट कार्यालय स्तर पर मुख्य महाप्रबन्धक/महाप्रबन्धक से सम्बद्ध उप महाप्रबन्धक (मुख्यालय) से है।
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(झ) |
"पेंशन" का तात्पर्य सिविल सर्विस रेग्यूलेशन के अनुच्छेद- 41 में यथा परिभाषित पेन्शन है। |
(ट) |
"पेंशन स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी" का तात्पर्य समय-समय पर उ० प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा इस रूप में सशक्त व्यक्ति है।
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(ठ) |
"समय अनुसूची" का तात्पर्य अनुसूची के स्तम्भ-2 विनिर्दिष्ट किसी कार्य के सम्बन्ध में स्तम्भ-3 में विनिर्दिष्ट समय से है।
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4.
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अध्यारोही प्रभाव :- |
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किन्हीं अन्य नियमों/आदेशों के अन्तर्दिष्ट किसी बात के प्रतिकूल होते हुए भी यह विनियमावली प्रभावी होगी। |
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5.
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समय अनुसूची और सहबद्ध विषयों के कार्यान्वयन की प्रक्रिया :- |
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1. |
किसी विलम्ब को नोडल अधिकार/मुख्य नोडल अधिकारी |
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(क) पेंशन प्राप्तकर्ता/पेंशन प्राप्तकर्ता के संगठनों की शिकायत पर, |
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(ख) पेंशन के मामलों के निस्तारण के अनुवर्तन पर अभिनिश्चत कर सकते हैं। |
(2) |
जब कभी नोडल अधिकारी/मुख्य नोडल अधिकारी की जानकारी में कोई विलम्ब का मामला आता है तो वह विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष से विलम्ब के कारणों के सम्बन्ध में सभी सुसंगत सूचनांए प्रस्तुत करने की अपेक्षा करेगा और ऐसी जाँचोपरान्त जिसे वे उचित समझे विलम्ब के लिए उत्तरदायी व्यक्ति का पता लगायेगा और उसके विरूद्ध अनुशासिक कार्यवाही के लिये एक प्रस्ताव सम्बद्ध अनुशासिक प्राधिकारी को भेजेगा। नोडेल अधिकारी/मुख्य नोडल अधिकारी अनुशासनात्मक कार्यवाही के पूर्ण होने तक मामले का अनुश्रवण करेगा और ऐसी कार्यवाही का अभिलेख रखेगा। नोडल अधिकारी ऐसी अनुशासनात्मक परिणाम के सम्बन्ध में मुख्य नोडल अधिकारी को सूचित करेगा।
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(3) |
कोई व्यक्ति जो कि किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के सम्बन्ध में या उससे सम्बन्धित किसी अन्य मामले के सम्बन्ध में अपेक्षित सूचना नोडल अधिकारी/ मुख्य नोडल अधिकारी को देने में असफल रहता है या जो विलम्ब के लिए उत्तरदायी है,वह कदाचार का दोषी होगी और उस पर लागू दण्डात्मक नियमों के अधीन दण्डनीय होगा।
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(4) |
सम्यक् रूप से पूर्ण पेंशन के कागज पत्रों का सभी सुसंगत दस्तावेजों के साथ उसके सम्बन्ध में अनुसूची में विनिर्दिष्ट समय अनुसूची के भीतर पेंशन स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को भेजा जायेगा।
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(5) |
मुख्य नोडल अधिकारी/नोडल अधिकारी और पेंशन स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी पेंशन के मामलों का समय अनुसूची के भीतर निस्तारण सुनिश्चित करेगा।
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(6) |
पेंशन स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी ऐसे अधिकारियों/पदाधिकारियों की नियमित मासिक बैठक आयोजित करेगा या अयोजित होने देगा जो ऐसे मामलों में व्यवहार करते हो और ऐसे मामलों के परीक्षण और निस्तारण के लिये समुचित कदम उठायेगा।
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(7) |
उ०प्र० पावर कारपोरेशन लिमिटेड में सम्बन्धित प्रशासनिक अनुभाग के यथास्थिति महाप्रबन्धक या उपमहाप्रबन्धक सभी पेंशन मामलों के सम्बन्ध में विभागाध्यक्ष/ कार्यालयाध्यक्ष के कार्य का पर्यवेक्षण करेगा और समय अनुसूची के भीतर ऐसे मामलों का परीक्षण और निस्तारण सनिश्चित करेगा।
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संलग्नक - |
समय अनुसूची |
निदेशक मण्डल की आज्ञा से
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