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उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद (संख्या : सा-3-1220/इस-905/81) (संलग्नक-2)

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद
शक्ति भवन, 14 अशोक मार्ग लखनऊ

संलग्नक - 2

संख्या : सा-3-1220/दस-905/81  

दिनांक : 16 सितम्बर, 1981

           
प्रेषक          
  श्री राजकुमार दर,    
  सचिव    
  उत्तर प्रदेश शासन।    
           
सेवा में,          
  समस्त विभागाध्यक्ष तथा प्रमुख    
  कार्यालयाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश,    
  लखनऊ।    
           

विषय :

सरकारी सेवक की हत्या करने अथवा उस अपराध के दुष्प्रेरण के लिए दोषी पाये गये परिवार के सदस्यों को पारिवारिक पेंशन पाने से विवर्जन।

           
महोदय,          
 

मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश संख्या जी-2-769/दस-916/61, दिनांकित 24 अगस्त 1966 द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए नई पारिवारिक पेंशन योजना, 1965 लागू की गयी थी और उसमें समय-समय पर संशोधन भी किये गये हैं। उक्त योजना के अन्तर्गत, विनिर्दिष्ट दशाओं में सरकारी सेवक की सेवाकाल में अथवा सेवानिवृत्ति के उपरान्त मृत्यु हो जाने पर निर्धारित क्रम में उसके परिवार के सदस्यों में विधवा/विधुर, अवयस्क पुत्र/पुत्री को निर्धारित दर पर पारिवारिक पेंशन अनुमन्य है।

2.

शासन को यह इंगित किया गया है कि कतिपय ऐसे मामले होते हैं जिनमें सरकारी सेवक/पेंशनर की मृत्यु उसकी हत्या किये जाने के कारण होने और उस उस अपराध के पीछे, उसकी मृत्यु किये जाने के कारण होने और उस अपराध के पीछे, उसकी मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन पाने के लिए पात्र व्यक्ति का हाथ होने का सन्देह हो, तो क्या ऐसे मामले में उक्त व्यक्ति को नई पारिवारिक पेंशन योजना के अधीन पारिवारिक पेंशन स्वीकार की जानी चाहिए। इस विषय में सविस्तार विचारोपरान्त राज्यपाल महोदय में निम्नलिखित आदेश प्रदान किये है :-

(1)

यदि कोई व्यक्ति जो सेवाकाल में अथवा सेवा निवृत्योपरान्त किसी सरकारी सेवक की मृत्यु होने की स्थिति में उक्त योजना के अधीन पारिवारिक पेंशन पाने का पात्र हो, सरकारी सेवक की हत्या करने  की उपरान्त के लिए या ऐसे अपराध किये जाने के दुष्प्रेरण के लिए आरोपित हो, तो पारिवारिक पेंशन के भुगतान हेतु ऐसे व्यक्ति का दावा, जिसके अन्तर्गत पारिवारिक पेंशन पाने के लिए पात्र परिवार को/के अन्य सदस्य के दावे भी हैं उसके विरूद्ध संस्थित दाण्डिक कार्यवाही की समाप्ति तक निलम्बित रहेगा।

(2)

यदि उपर्युक्त दाण्डिक कार्यवाही की समाप्ति पर सम्बद्ध व्यक्ति:
 

(क)

सरकारी सेवक की हत्या करने या उसकी हत्या कराने के लिए दुष्प्रेरित करने के लिए दोषसिद्ध किया जाय तो वह व्यक्ति पारिवारिक पेंशन पाने से विवर्जित कर दिया जायेगा जो निर्धारित क्रम में परिवार के अन्य पात्र सदस्य को, यदि कोई हो, देय होगी।

 

(ख)

सरकारी सेवक की हत्या करने या उसकी हत्या करने के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप से दोषमुक्त हो जाय तो उसे पारिवारिक पेंशन सरकारी सेवक की मृत्यु की दिनांक से देय होगी।

(3)

यह आदेश शासनादेश जारी होने की तिथि से प्रभावी होंगे।

(4)

उत्तर प्रदेश लिबरलाइज्ड पेंशन रूल्स, 1961 तथा उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स, 1961 के आधीन अनुमन्य मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति उपादान तथा पारिवारिक पेंशन की सम्बन्ध में ऐसे मामलों में समान व्यवस्था अलग से की जा रही है।

(5)

कृपया इस शासनादेश की प्राप्ति स्वीकार की जाय।